तुम्हारे बिना यह जीवन अधूरी से लगती है
तुम कहा हो ,हर वक्त इंतजार करता हु
तुम मेरे पास नही हो ,
फिर भी लगता है तुम हर वक्त मेरे पास हो
मेरे करीब हो................
Friday, October 30, 2009
Saturday, October 24, 2009
दोस्ती
Posted by
MY HEART
at
4:58 AM
गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,
दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,
जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती ,
रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती, रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है दोस्ती, मझधार में किनारा है दोस्ती, जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,
किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती, हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती, कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर "खुदा" है
दोस्ती ,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,
दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,
जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती ,
रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती, रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है दोस्ती, मझधार में किनारा है दोस्ती, जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,
किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती, हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती, कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर "खुदा" है
दोस्ती ,
Friday, October 23, 2009
तुम्हारी यद् में
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MY HEART
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9:17 AM
तुम्हारी याद में हर रोज जीता हु
तुम्हारी कमी हर वक्त रहती है
तुमको देखे जमाना बीत गया
फ़िर भी लगता है वह चेहरा
मेरे पास है
तुम मुझसे दूर हो लेकिन
तुम्हारा एहसास हर वाक मेरे साथ है ....
तुम्हारी कमी हर वक्त रहती है
तुमको देखे जमाना बीत गया
फ़िर भी लगता है वह चेहरा
मेरे पास है
तुम मुझसे दूर हो लेकिन
तुम्हारा एहसास हर वाक मेरे साथ है ....
Tuesday, October 20, 2009
तुम्हारी आवाज
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MY HEART
at
10:12 AM
Sunday, October 18, 2009
TUMHARE GALI
Posted by
MY HEART
at
10:24 AM
नही आयेगे वह गली
नही आयेगे तुम्हारे घर
नही छुयेगे तुम्हे
नही देखेगे तुम्हे ता उमर
आपने मन मन्दिर में
बिठा कर पूजा करेगे
महशुश करेगे तुमको
हर पल हर वक्त
आपनी आवाज ही सुनते रहना
कट जायेगी मेरी जिंदगी
कल भी तुहारा था आज भी तुम्हारा हु
कल भी तुम्हारा रहूगा
अंतिम साँस मे भी
तुमको बिठाये रखुगा
ख़ुद को भूल जायेगे तुम को भुला नही पायेगे............................
नही आयेगे तुम्हारे घर
नही छुयेगे तुम्हे
नही देखेगे तुम्हे ता उमर
आपने मन मन्दिर में
बिठा कर पूजा करेगे
महशुश करेगे तुमको
हर पल हर वक्त
आपनी आवाज ही सुनते रहना
कट जायेगी मेरी जिंदगी
कल भी तुहारा था आज भी तुम्हारा हु
कल भी तुम्हारा रहूगा
अंतिम साँस मे भी
तुमको बिठाये रखुगा
ख़ुद को भूल जायेगे तुम को भुला नही पायेगे............................
Thursday, October 15, 2009
खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते
Posted by
MY HEART
at
8:40 PM
खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते
सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते
हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह
खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह
सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे
पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे
आसमा हों या ज़मीन हर तरफ तेरा नाम हों
महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो
तेरी कोशिश को कामयाबी की आदत हो जाये
सारा जग थम जाये तू जब भी गए
कभी कोई परेशानी तुझे न सताए
रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए
दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये
खुशियाँ तेरे दर से न जाये
इक छोटी सी अर्जी है मान लेना
हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना
खुशियों में चाहे हम याद आए न आए
पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना
इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे
दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे
सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते
हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह
खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह
सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे
पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे
आसमा हों या ज़मीन हर तरफ तेरा नाम हों
महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो
तेरी कोशिश को कामयाबी की आदत हो जाये
सारा जग थम जाये तू जब भी गए
कभी कोई परेशानी तुझे न सताए
रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए
दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये
खुशियाँ तेरे दर से न जाये
इक छोटी सी अर्जी है मान लेना
हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना
खुशियों में चाहे हम याद आए न आए
पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना
इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे
दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे
अक्सर रिश्तों को रोते हुए देखा है
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MY HEART
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10:29 AM
अक्सर रिश्तों को रोते हुए देखा है,
अपनों की ही बाँहो में मरते हुए देखा है
टूटते, बिखरते, सिसकते, कसकते
रिश्तों का इतिहास,
दिल पे लिखा है बेहिसाब!
प्यार की आँच में पक कर पक्के होते जो,
वे कब कौन सी आग में झुलसते चले जाते हैं,
झुलसते चले जाते हैं और राख हो जाते हैं!
क्या वे नियति से नियत घड़ियाँ लिखा कर लाते हैं?
कौन सी कमी कहाँ रह जाती है
कि वे अस्तित्वहीन हो जाते हैं,
या एक अरसे की पूर्ण जिन्दगी जी कर,
वे अपने अन्तिम मुकाम पर पहुँच जाते हैं!
मैंने देखे हैं कुछ रिश्ते धन-दौलत पे टिके होते हैं,
कुछ चालबाजों से लुटे होते हैं-गहरा धोखा खाए होते हैं
कुछ आँसुओं से खारे और नम हुए होते हैं,
कुछ रिश्ते अभावों में पले होते हैं-
पर भावों से भरे होते है! बड़े ही खरे होते हैं !
कुछ रिश्ते, रिश्तों की कब्र पर बने होते हैं,
जो कभी पनपते नहीं, बहुत समय तक जीते नहीं
दुर्भाग्य और दुखों के तूफान से बचते नहीं!
स्वार्थ पर बनें रिश्ते बुलबुले की तरह उठते हैं
कुछ देर बने रहते हैं और गायब हो जाते हैं;
कुछ रिश्ते दूरियों में ओझल हो जाते हैं,
जाने वाले के साथ दूर चले जाते हैं !
कुछ नजदीकियों की भेंट चढ़ जाते हैं,
कुछ शक से सुन्न हो जाते हैं !
कुछ अतिविश्वास की बलि चढ़ जाते हैं!
फिर भी रिश्ते बनते हैं, बिगड़ते हैं,
जीते हैं, मरते हैं, लड़खड़ाते हैं, लंगड़ाते हैं
तेरे मेरे उसके द्वारा घसीटे जाते हैं,
कभी रस्मों की बैसाखी पे चलाए जाते हैं!
पर कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं
जो जन्म से लेकर बचपन जवानी - बुढ़ापे से गुजरते हुए,
बड़ी गरिमा से जीते हुए महान महिमाय हो जाते हैं !
ऐसे रिश्ते सदियों में नजर आते हैं !
जब कभी सच्चा रिश्ता नजर आया है
कृष्ण की बाँसुरी ने गीत गुनगुनाया है!
आसमां में ईद का चाँद मुस्कराया है!
या सूरज रात में ही निकल आया है!
ईद का चाँद रोज नहीं दिखता,
इन्द्रधनुष भी कभी-कभी खिलता है!
इसलिए शायद - प्यारा खरा रिश्ता
सदियों में दिखता है, मुश्किल से मिलता है पर,
दिखता है, मिलता है, यही क्या कम है .. !!!
अपनों की ही बाँहो में मरते हुए देखा है
टूटते, बिखरते, सिसकते, कसकते
रिश्तों का इतिहास,
दिल पे लिखा है बेहिसाब!
प्यार की आँच में पक कर पक्के होते जो,
वे कब कौन सी आग में झुलसते चले जाते हैं,
झुलसते चले जाते हैं और राख हो जाते हैं!
क्या वे नियति से नियत घड़ियाँ लिखा कर लाते हैं?
कौन सी कमी कहाँ रह जाती है
कि वे अस्तित्वहीन हो जाते हैं,
या एक अरसे की पूर्ण जिन्दगी जी कर,
वे अपने अन्तिम मुकाम पर पहुँच जाते हैं!
मैंने देखे हैं कुछ रिश्ते धन-दौलत पे टिके होते हैं,
कुछ चालबाजों से लुटे होते हैं-गहरा धोखा खाए होते हैं
कुछ आँसुओं से खारे और नम हुए होते हैं,
कुछ रिश्ते अभावों में पले होते हैं-
पर भावों से भरे होते है! बड़े ही खरे होते हैं !
कुछ रिश्ते, रिश्तों की कब्र पर बने होते हैं,
जो कभी पनपते नहीं, बहुत समय तक जीते नहीं
दुर्भाग्य और दुखों के तूफान से बचते नहीं!
स्वार्थ पर बनें रिश्ते बुलबुले की तरह उठते हैं
कुछ देर बने रहते हैं और गायब हो जाते हैं;
कुछ रिश्ते दूरियों में ओझल हो जाते हैं,
जाने वाले के साथ दूर चले जाते हैं !
कुछ नजदीकियों की भेंट चढ़ जाते हैं,
कुछ शक से सुन्न हो जाते हैं !
कुछ अतिविश्वास की बलि चढ़ जाते हैं!
फिर भी रिश्ते बनते हैं, बिगड़ते हैं,
जीते हैं, मरते हैं, लड़खड़ाते हैं, लंगड़ाते हैं
तेरे मेरे उसके द्वारा घसीटे जाते हैं,
कभी रस्मों की बैसाखी पे चलाए जाते हैं!
पर कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं
जो जन्म से लेकर बचपन जवानी - बुढ़ापे से गुजरते हुए,
बड़ी गरिमा से जीते हुए महान महिमाय हो जाते हैं !
ऐसे रिश्ते सदियों में नजर आते हैं !
जब कभी सच्चा रिश्ता नजर आया है
कृष्ण की बाँसुरी ने गीत गुनगुनाया है!
आसमां में ईद का चाँद मुस्कराया है!
या सूरज रात में ही निकल आया है!
ईद का चाँद रोज नहीं दिखता,
इन्द्रधनुष भी कभी-कभी खिलता है!
इसलिए शायद - प्यारा खरा रिश्ता
सदियों में दिखता है, मुश्किल से मिलता है पर,
दिखता है, मिलता है, यही क्या कम है .. !!!
सपने
Posted by
MY HEART
at
10:22 AM
कुछ सपनों को जो पंख दिए,
वो खुले आसमान में उड़ने लगे,
बादलों की छांव मिले,
तो कभी तारों की महफिल सजी।
नरम-नरम हवा के पालनों में पलने लगे,
कोरे-कोरे ये सपने रंगों से खेलने लगे,
सुनहरी धूप की धागों से एक नया जहाँ बुनते हुए,
बिखरे-बिखरे यह सपने अपने-आप में ही सिमटने लगे।
लम्बी-लम्बी राहों पर नन्हें-नन्हें कुछ कदम,
मासूम यह सपने मंज़िल की तलाश में चल पड़े.
दीपक की लौ में सूरज की रोशनी नहीं मिली,
तो थककर यह सपने उसी लौ में जलने लगे।
वक्त आगे निकल गया, सपने पीछे छूट गए,
कुछ ठहर गए, कुछ टूट गए, कुछ खुद पर ही हंसने लगे,
ज़िन्दगी के दांव में, खुद ज़िन्दगी को हार के,
अब इन अधूरे सपनो के सौदे होने लगे।
चलते-चलते खो गये, अपनी ही धड़कन से दूर हो गए,
पीछे मुड़े तो दिखा कहानी बनके बिकता अपना ही चहरा,
फिर भी रुका नहीं सांसों और धड़कनों का यह सुस्त कारवां
क्यूंकि टिमटिमा रहा था अभी भी एक सपना सितारा बन के।
वो खुले आसमान में उड़ने लगे,
बादलों की छांव मिले,
तो कभी तारों की महफिल सजी।
नरम-नरम हवा के पालनों में पलने लगे,
कोरे-कोरे ये सपने रंगों से खेलने लगे,
सुनहरी धूप की धागों से एक नया जहाँ बुनते हुए,
बिखरे-बिखरे यह सपने अपने-आप में ही सिमटने लगे।
लम्बी-लम्बी राहों पर नन्हें-नन्हें कुछ कदम,
मासूम यह सपने मंज़िल की तलाश में चल पड़े.
दीपक की लौ में सूरज की रोशनी नहीं मिली,
तो थककर यह सपने उसी लौ में जलने लगे।
वक्त आगे निकल गया, सपने पीछे छूट गए,
कुछ ठहर गए, कुछ टूट गए, कुछ खुद पर ही हंसने लगे,
ज़िन्दगी के दांव में, खुद ज़िन्दगी को हार के,
अब इन अधूरे सपनो के सौदे होने लगे।
चलते-चलते खो गये, अपनी ही धड़कन से दूर हो गए,
पीछे मुड़े तो दिखा कहानी बनके बिकता अपना ही चहरा,
फिर भी रुका नहीं सांसों और धड़कनों का यह सुस्त कारवां
क्यूंकि टिमटिमा रहा था अभी भी एक सपना सितारा बन के।
Wednesday, October 14, 2009
खूबसूरत है वो दिल
Posted by
MY HEART
at
9:35 AM
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
Saturday, October 10, 2009
Jaane tu meri kya hai
Posted by
MY HEART
at
9:53 AM
Jaane tu meri kya hai, jaane mein tera kya tha,
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Jaane kaisi kasak hai, jaane kaisi tadap hai,
Kyu yeh aankehin num hai, jaane kaisa gum hai..
Hai dosti humko yakeen tha, dosti aur kuch bhi nahi tha,
Par kaise tujh ko bole, kyu chubhte hai pairon mein kaante,
Janaa dil jaana, kaise maine naa jaana,
Ki pyaar yahi hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Janaa dil jaana, kaise tune naa jaana,
yeh pyaar to hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Jaane tu meri kya hai, jaane mein tera kya tha,
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Kyu aise chubhti hai tujhse doori,
Kyu lagti hai zindagi yun adhuri,
Chua kisi ne tujhko to laga ki,
Dil mein kisi ne jaise aag laga ke,
Duniya jala di..heyyy meri…
Jaane tu meri kya hai, jaane mein tera kya tha,
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Jaane kaisi kasak hai, jaane kaisi tadap hai,
Kyu yeh aankehin num hai, jaane kaisa gum hai..
Janaa dil jaana, kaise maine naa jaana,
Ki pyaar yahi hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Janaa dil jaana, kai
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Jaane kaisi kasak hai, jaane kaisi tadap hai,
Kyu yeh aankehin num hai, jaane kaisa gum hai..
Hai dosti humko yakeen tha, dosti aur kuch bhi nahi tha,
Par kaise tujh ko bole, kyu chubhte hai pairon mein kaante,
Janaa dil jaana, kaise maine naa jaana,
Ki pyaar yahi hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Janaa dil jaana, kaise tune naa jaana,
yeh pyaar to hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Jaane tu meri kya hai, jaane mein tera kya tha,
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Kyu aise chubhti hai tujhse doori,
Kyu lagti hai zindagi yun adhuri,
Chua kisi ne tujhko to laga ki,
Dil mein kisi ne jaise aag laga ke,
Duniya jala di..heyyy meri…
Jaane tu meri kya hai, jaane mein tera kya tha,
Saath tere har pal, saath har lamha tha..
Jaane kaisi kasak hai, jaane kaisi tadap hai,
Kyu yeh aankehin num hai, jaane kaisa gum hai..
Janaa dil jaana, kaise maine naa jaana,
Ki pyaar yahi hai, yeh jaane tu ya jaane naa..
Janaa dil jaana, kai
Thursday, October 8, 2009
Posted by
MY HEART
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7:59 AM
जब एक प्रेम का धागा जुड़ता है,
दिल का कमल तब ही खिलता है
देखता है खुदा भी आसमान से जमीन पर
जब एक दिल दूसरे से बेपनाहा मोहब्बत करता है
सुलगने लगता है तब धरती का सीना भी
जब कोई आसमान बन के बाहो में पिघलता है
लिखी जाती है तब एक दस्तान-ए -मोहब्बत
तब कही जा कर अमर-प्रेम लोगो के दिलों में उतरता है!!
प्रेम जीवन का आधार है, इसके बिना इंसान मशीन बन जायेगा। प्रेम ही जीवीत और अजीवीत मे फर्क करता है.
दिल का कमल तब ही खिलता है
देखता है खुदा भी आसमान से जमीन पर
जब एक दिल दूसरे से बेपनाहा मोहब्बत करता है
सुलगने लगता है तब धरती का सीना भी
जब कोई आसमान बन के बाहो में पिघलता है
लिखी जाती है तब एक दस्तान-ए -मोहब्बत
तब कही जा कर अमर-प्रेम लोगो के दिलों में उतरता है!!
प्रेम जीवन का आधार है, इसके बिना इंसान मशीन बन जायेगा। प्रेम ही जीवीत और अजीवीत मे फर्क करता है.
Wednesday, October 7, 2009
Lagta hai bohat mushkil
Posted by
MY HEART
at
7:57 PM
Lagta hai bohat mushkil
Zindagi ka yeh safar mujhay
Lekin dil ko hai yaqeen
Hojayega sub kuch asaan
Jub tera sath milayga mujhay
Hongi haseen woh raatein
Jo guzraingi teray saath
Kartay rahaingay baatein
Hathon mein lay kar hath
Zindagi ka yeh safar mujhay
Lekin dil ko hai yaqeen
Hojayega sub kuch asaan
Jub tera sath milayga mujhay
Hongi haseen woh raatein
Jo guzraingi teray saath
Kartay rahaingay baatein
Hathon mein lay kar hath
Ansoon ko aankhoon ki dehleez
Posted by
MY HEART
at
7:56 PM
Ansoon ko aankhoon ki dehleez par laya na karo
apne dil ki halat kisi ko bataya na karo,
Log mutthi bhar namak liye ghuma karte hain
apne zakhm kisi ko dikhaya na karo!!!
apne dil ki halat kisi ko bataya na karo,
Log mutthi bhar namak liye ghuma karte hain
apne zakhm kisi ko dikhaya na karo!!!
पिया
Posted by
MY HEART
at
10:12 AM
Mere piyaa sanwale salone hain,
We bal buddhi aur guno ki khaan.
Aur mere is shareer ke kaleje hain.
Salone piyaa mere dil ke raja hain.
Priy kyon na hon?
Kyonki Shriram,Shrikrishna bhi to sanwale the.
Piya ko dekhkar main kho ati hoon is kadar,
Ki unke manmohak roop se hattee hi nahi meri najar.
Suhagrat ko jab unse meri bhent huee to,
Main unhe dekhte hi anandvibhor huee.
Unkee meethee meethee baton se mujhe maadak ehsaas hone lagaa,
Aur main unke sparsh se hi madhosh ho gayee.
Kaise kahoon ki wo pal bhi jaise thahar gaya tha,
Us raat pyar ka rang bhi gahraa tha.
Us raat main tan man se unke prati samarpit thi,
Kyonki main hoon unki ardhaanginee.
Saat janmon ka unka mujhse rishta hai,
Isliye main hoon unki jeevansanginee.
Main ishwar se hamesha prarthna karti hoon ki,
We hamesha jindagee ke har mod par kamyab hon.
Wo hamesha khush rahein aur safltaa unke kadam choome.
Kyonki unki haar mein meri haar,
Unki jeet mein meri jeet hai.
Main unhe apni aakhon ke saamne,
Jindagee bhar sahi salaamat chaahtee hoon.
Bhale hi uske liye,
Mujhe apni jindagee kurbaan karni pade.
Maine ki hain kaee galtiyaan,
Jise unhone hanskar ansunaa kiya hai.
Mujhe apnaa jeevansathi mankar mere,
Berang jeevan ko rangeen banaa diya hai.
Ishwar se main yahi prarthnaa karti hoon ki,
Hamaaraa paawan rishta janmon janmon tak amar rahe.
Prasann ho vidhata mujhpar itnaa ki,
Meri maang ka sindoor hameshaa ujaagar rahe.
We bal buddhi aur guno ki khaan.
Aur mere is shareer ke kaleje hain.
Salone piyaa mere dil ke raja hain.
Priy kyon na hon?
Kyonki Shriram,Shrikrishna bhi to sanwale the.
Piya ko dekhkar main kho ati hoon is kadar,
Ki unke manmohak roop se hattee hi nahi meri najar.
Suhagrat ko jab unse meri bhent huee to,
Main unhe dekhte hi anandvibhor huee.
Unkee meethee meethee baton se mujhe maadak ehsaas hone lagaa,
Aur main unke sparsh se hi madhosh ho gayee.
Kaise kahoon ki wo pal bhi jaise thahar gaya tha,
Us raat pyar ka rang bhi gahraa tha.
Us raat main tan man se unke prati samarpit thi,
Kyonki main hoon unki ardhaanginee.
Saat janmon ka unka mujhse rishta hai,
Isliye main hoon unki jeevansanginee.
Main ishwar se hamesha prarthna karti hoon ki,
We hamesha jindagee ke har mod par kamyab hon.
Wo hamesha khush rahein aur safltaa unke kadam choome.
Kyonki unki haar mein meri haar,
Unki jeet mein meri jeet hai.
Main unhe apni aakhon ke saamne,
Jindagee bhar sahi salaamat chaahtee hoon.
Bhale hi uske liye,
Mujhe apni jindagee kurbaan karni pade.
Maine ki hain kaee galtiyaan,
Jise unhone hanskar ansunaa kiya hai.
Mujhe apnaa jeevansathi mankar mere,
Berang jeevan ko rangeen banaa diya hai.
Ishwar se main yahi prarthnaa karti hoon ki,
Hamaaraa paawan rishta janmon janmon tak amar rahe.
Prasann ho vidhata mujhpar itnaa ki,
Meri maang ka sindoor hameshaa ujaagar rahe.
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