Wednesday, December 30, 2009

Forget me not

Forget me not sms
To forget you is hard to do
and
to forget me is up to you.

Forget me not,
forget me never.

Forget this text,
but not the sender.

Tuesday, December 22, 2009

सीने से चेहरा हटाने ना देता

सीने से चेहरा हटाने ना देता

आतीं कभी तुम अगर ज़िंदगी में
कभी एक पल को भी जाने ना देता

नींदें तुम्हारी मेरी बाज़ुओं में
सीने से सर ये हटाने ना देता

सर रख के सोती मेरे बाज़ुओं पर
कभी तुमको तकिया लगाने ना देता

खफा हो किसी से खुशामद मैं करता
किसी और को मैं मनाने ना देता

पढ़ता मुहब्बत आँखों में रात भर
कुछ भी लबों से बताने ना देता

वफ़ा बेवफ़ाई जो कुछ भी करतीं
किसी बात के भी मैं ताने ने देता

सुलगते हुए पल मेरे दिल में रखता
धड़कन तुम्हारी जलाने ना देता

तुम्हरी भी कसमे मैं पूरी करता
वादा तुम्हे इक निभाने ना देता.

लम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी

लम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी,
ऑसुओ मे जो बह जाए वो क्या जिंदगी,
जिंदगी का फलसफां हि कुछ और है,
जो हर किसी को समझ आए वो क्या जिंदगी ।

सूरज पास न हो, किरने आसपास रहती है,
दोस्त पास हो ना हो, दोस्ती आसपास रहती है,
वैसे ही आप पास हो ना हो लेकिन,
आपकी यादें हमेशा हमारे पास रहती है.

सोचते थे हर मोड पर आप का इंतेज़ार करेंगे..
पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर,
कम्भाकत सड़क ही सीधी निकली...

हम ने माँगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गए,
हम यादो के सहारे जी लेते,
वो भुल जाने की कसम दे गए!

आपके दिल में बस्जयेंगे एस एम एस की तरह.,.,
दिल में बजेंगे रिंगटोन की तरह.,.,
दोस्ती कम नहीं होगी बैलेंस की तरह.,.,
सिर्फ आप बीजी ना रहना नेटवोर्क की तरह.....

खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
रस्ते पे जा के देखा तो खिड़की पे कोई नहीं था...

आंसुओ को लाया मत करो,
दिल की बात बताया मत करो,
लोग मुठ्ठी मे नमक लिये फिरते है,
अपने जख्म किसी को दिखाया मत करो।

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफिला साथ और सफर तन्हा

अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस कदर तन्हा

रात भर बोलते हैं सन्नाटे
रात काटे कोई किधर तन्हा

दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
रात होती नहीं बसर तन्हा

हमने दरवाज़े तक तो देखा था
फिर न जाने गए किधर तन्हा

अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना

अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना

उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना

छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना

उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना

वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना

रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना

तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना

हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना

मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना

मरना जीना बस में कहाँ है अपने ,
हर पल में जिन्दगी का लुफ्त उठाये रखना

दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो

दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो
रात काली सही कोई गम न करो
एक सितारा बनो जगमगाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
बांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशी
गम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभी
दिल कि गहराई में गम छुपाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
अश्क अनमोल है खो न देना कहीं
इनकी हर बूँद है मोतियों से हसीं
इनको हर आंख से तुम चुराते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
फासले कम करो दिल मिलाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो...

खूबसूरती क्या है

मैने खुदा से पूछा कि खूबसूरती क्या है?
तो वो बोले

खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है

खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए

खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए

खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे

खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो

खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ

खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ

खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ

खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए

खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ

खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल

असमा के तारे अक्सर पूछते ह

असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे
क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है उसके लौट आने का.
और ये दिल मुस्कुरा के कहता है
मुझे तो अब तक यक़ीन ना हुआ उसके चले जाने का...

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है

Friday, December 18, 2009

अनजान रिश्ता

कुछ रिश्ते एसे होते है जीसे कोए नाम नहीं दिया जाता
जो एहसास बन कर जिन्दा रहता है

Sunday, December 13, 2009

क्योंकि मैं मुहब्बत हूँ

मैं साहिल पर लिखी हुई इबारत नहीं, जो लहरों से मिट जाये !
मैं बारिश की बरसती बूँद नहीं, जो बरस के थम जाये !!
मैं कोई ख्वाब नहीं, जिसे देख कर भुला दिया जाये !
मैं हवा का झोंका नहीं, आया और गुज़र गया !!
मैं चाँद नहीं, जो रात के बाद ढल गया !
मैं तो वो एहसास हूँ !
जो तुझ में लहु बन कर गर्दिश करे !!
मैं वो रंग हूँ !
जो तेरे दिल पर चढा रहे तो कभी ना उतरे !!
मैं वो गीत हूँ, जो तेरे लबों से कभी जुदा ना होगा !
मैं तो वो परवाना हूँ, जो जलता रहेगा पर उफ़ तक नहीं करेगा !!
ख्वाब, इबारत, हवा की तरह, चार बूँद शमा की तरह !
मेरे मिटने का सवाल ही नहीं !!
क्योंकि मैं मुहब्बत हूँ !!

बरसातों के खुशनुमा मौसम

बरसातों के खुशनुमा मौसम
कुछ भीगे तुम, कुछ भीगे से हम
राह से चलते-चलते अनजाने से टकराए
ठंड से कपकपाते बदन, थोड़े से सहेराए
चहेरे से टपकती बूंदें, गालों पर लटों की घटायें
नयना मिले नयनों से, हम दोनों मुस्कुराए
सिमटकर अपनी चुनरी, शरमाये निकल गये थे।
घर पहुँचे लेकर तेरे उजले से साए
पलकों में बंद होकर साथ तुम भी चले आए
मुलाक़ातों के फिर शुरू रोज़ सिलसिले
दिल-ओ-जान हमारे, सदा ही रहे मिले
रेशम डोर से बँधकर, मिलकर ख्वाब सजाए
प्यार, समर्पण के भावना से गीत रचाए
तुम्हारे होने से जीवन के नज़रिए बदल गये थे।
इतना वक़्त जो तुम संग बिता लिया
हर लम्हा जिया वो था नया-नया
गुलशन-ए-बहार में खुशियों के फूल खिलाए
संभाला तुम्हीं ने हमें ,कभी कदम डगमगाए
सिखाया तूफ़ानो का सामना करना
संयम से अपने अस्तित्व को सँवारना
प्यार की गहराई के असली मायने समझ गये थे |
गुलाबी लम्हों को रखा संजोए
मन में उनको पल पल दोहराए
क्या पहला प्यार फिर हो सकता है?

बहूत खूबसूरत हो तुम

बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
कभी मैं जो कह दूं मोहब्बत है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल न लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !
है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !
मोहब्बत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
जो बन के कली मुस्कूराती है अक्सर !
शबे हिज्र मैं जो रुलाती है अक्सर !
जो लम्हों ही लम्हों मे दुनिया बदल दे !
जो शायर को दे जाये पेहलु ग़ज़ल की !
छुपाना जो चाहे छुपाई न जाये !
भुलाना जो चाहे भुलाई न जाये !
वो पेहली मोहब्बत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम

कि कोई हमे याद तो करता ह

हिचकियों से एक बात का पता चलता है,
कि कोई हमे याद तो करता है,
बात न करे तो क्या हुआ,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है
ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,
याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है,
मिलन न सही जुदाई तो मिलती है,
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता,
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे
नींद आती नही और रात गुज़र जाती है
उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं
कभी कभी दिल उदास होता है
हल्का हल्का सा आँखों को एहसास होता है
छलकती है मेरी भी आँखों से नमी
जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है

Friday, December 4, 2009

दोस्ती

किसी ने पूछा दोस्ती क्या है?
मैने काँटो पर चल कर बता दिया।
कितना प्यार करोगे दोस्त को
मैने पूरा आसमान दिखा दिया।
कैसे रखोगे दोस्त को?
मैने हल्के से फूलों को सहला दिया।
किसी की नज़र लग गई तो?
मैंने पलकों में उस को छुपा दिया।
जान से भी प्यारा दोस्त कैसा हो?
मैंने आपका नाम बता दिया।