Saturday, July 31, 2010

प्यार जिदंगी का बहुत खूबसूरत खुशनुमा एहसास है

प्यार जिदंगी का बहुत खूबसूरत खुशनुमा एहसास है प्यार की अनुभूति तो उसे ही हो सकती है जिसने कभी खुद प्यार जैसे खूबसूरत एहसास को महसूस किया हो या जिसने कभी प्यार किया हो जो प्यार को महसूस करें या प्यार करें वे ही प्यार को लफ्जों में बाँध सकता है लफ्ज तो तब ही निकलेगें जब आप उसें महसूस करें प्यार का हर रंग अलग है प्यार हर रिश्ते से अलग अलग रुप में किया जाता है जैसे माँ अपने बेटे से ,पिता अपनी बेटी से ,भाई अपनी बहन से , बहन अपने भाई से बहन बहन से ,भाई भाई से करता है पति अपनी पत्नी से , पत्नी अपने पति से ,प्रेमी अपनी प्रेमिका से , प्रेमिका अपने प्रेमी से और हम खुद अपनेआप से प्यार करते है प्यार का रिश्ता अपने आप में खूबसूरत है प्यार हर रिश्ते को मजबूती देता है इंसान के लिए प्यार करना बहुत ज़रुरी है क्योंकि वो तब ही इस रिश्ते की नजाकत को पहचानेगा प्यार जैसे खूबसूरत एहसास को दुनिया की नजरें गल्त नजरों से देखती है जबकि पूरी दुनिया तो प्यार की नींव पर ही टिकी हुई है हम अगर एक दूसरे से प्यार ना करे तो एक दूसरे को समझे और जाने कैसे जब एक बच्चे को प्यार की ज़रुरत महसूस होती है तो वो अपनी माँ के पास जाता है हर रिश्ते में प्यार एक अलग रुप में मिलता है मैं ये नहीं कहती कि प्यार मत करो क्योकि प्यार तो हमारी जिदंगी का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है मेरी नजर में प्यार करना कोई गल्त बात नहीं है प्यार कीजिए बशर्ते सही इंसान से प्यार में जिदंगी खूबसूरत लगने लगती है ‘’ कहते है जब कोई प्यार करता है तो उसे दुनिया और दुनिया की हर की चीज खूबसूरत लगने लगती है और इंसान खुद खूबसूरत हो जाता है ‘’ प्यार में बहुत सारे बदलाव आते है इंसान खुद इन बद्लावों को महसूस करता है जो काम उसने कभी ना किये हो वो करने लगता है किसी काम में मन ना लगें किसी से ज्यादा बात करने का मन ना करें या ज्यादा करें प्यार में इंसान के चेहरे पर एक अलग सी चमक और मुस्कान जाती है जो शायद पहले नहीं आई होगी इस वक्त शायद इंसान को ज्यादा अकेलापन महसूस होगा उसे एक दोस्त की ज़रुरत होगी जो उसकी बातों को समझे उससे बातें करे उसकी उलझनें सुलझाये प्यार जैसे प्यारे प्यारे लम्हें हमारी जिदंगी के दरवाजे पर बार बार दस्तक नहीं देते है तो मैं अपने दिल से कहती हूँ कि इस लम्हे को खूबसूरती से जी लीजिये और इस रिश्ते को अपनी जिदंगी में इस कदर उतार लीजिये कि जिदंगी सारा खालीपन ही दूर हो जाये क्योंकि ऐसे खूबसूरत और प्यारे लम्हे जिदंगी में बार बार नहीं आते है हर चीज के आने और जाने का समय हमेशा एक जैसा नहीं होता है कोई चीज हमारी जिदंगी में कब चुपके से शामिल हो जाये और कब चली जाये इसका हम अंदाजा नही लगा सकते इसलिए उस समय से इतनी उम्मीदें ना रखे कि उससे आपकी उम्मीदें ही टूट जायें आप ऐसे इंसान से प्यार करे जो आपके साथ हो आपके पास हो पर कभी कभी ऐसे नहीं होता है अपनी आँखे बंदकर कर लें और उसे अपने दिल से याद कर महसूस करें तो उस व्यक्ति का आपको अपने आसपास होने का एहसास होगा आपके दिल में ये एहसास कब जाग जायेंगा आपको खुद मालूम नहीं होगा तो प्यार के प्यारे एहसास को महसूस कीजिये और दिल से अपनी जिदंगी को जी लीजिये बुरी चीजों को दिमाग से बाहर के द्वार दिखायें और इस एहसास अपने दिल और दिमाग की राह दिखायें मेरी जीने का तो यही फंडा है कि खुश रहों ,सदा मुस्कुराते रहो और अपने धैर्य को कभी मत खोने दो मेरे लिए प्यार सब कुछ है मेरे लिए प्यार जैसे प्यारे शब्द में मेरी पूरी दुनिया सिमटी हुई है

Saturday, July 24, 2010

Kahin dubte ko, thamne ke liye sahare ka haat chahiye


Kahin dubte ko, thamne ke liye sahare ka haat chahiye!
Kahin ishq me mayus ko,kisi ke pyar ki sougaat chahiye!

Par dosto hame kuch aur mile na mile, lekin,
Hame unke pyar ka umr bhar saath chahiye.....

Yun to kitne aaye gujar gaye is jindagi me,par na jaane kyun!,
In kaano ko sirf unke hi alfaaz chahiye!,

Nihaarte to hame beshumaar nigahein hai,
Par hame to unke aankho ki wo shararti andaaz chahiye,

Yun to wo hamse bohot durr hai............................,
Par hame sirf unki ek choti si mulakaat chahiye.

Friday, July 23, 2010

किसी ने पूछा दोस्ती क्या है

किसी ने पूछा दोस्ती क्या है?
मैने काँटो पर चल कर बता दिया।
कितना प्यार करोगे दोस्त को
मैने पूरा आसमान दिखा दिया।
कैसे रखोगे दोस्त को?
मैने हल्के से फूलों को सहला दिया।
किसी की नज़र लग गई तो?
मैंने पलकों में उस को छुपा दिया।
जान से भी प्यारा दोस्त कैसा हो?
मैंने आपका नाम बता दिया।

बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम

बहूत खूबसूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
कभी मैं जो कह दूं मोहब्बत है तुम से !
तो मुझको खुदारा गलत मत समझना !
के मेरी जरुरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम !
है फ़ुलों की डाली, ये बाहें तुम्हारी !
है खामोश जादू निगाहें तुम्हारी !
जो काटें हों सब अपने दामन में भर लूं !
सजाउं मैं इनसे राहें तुम्हारी !
नज़र से जमाने की खुद को बचाना !
किसी और से देखो दिल लगाना !
के मेरी अमानत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !
है चेहरा तुम्हारा के दिन है सुनेहरा !
और उस पर ये काली घटाओं का पेहरा !
गुलाबों से नाजु़क मेहकता बदन है !
ये लब है तुम्हारा के खिलता चमन है !
बिखेरो जो जु़ल्फ़ें तो शरमाये बादल !
ये ताहिर भी देखे तो हो जाये पागल !
वो पाकीजा़ मुरत हो तुम !
बहुत खूबसूरत हो तुम !