Tuesday, September 28, 2010

तुझे पता है



बिना हवा के शायद कुछ पल जी लू
पर तुझे पता है तेरे बिना एक पल नहीं जे सकता
मेरे शरीर में खून तो है मुझे जिंदा रखने के लिए
पर तुझे पता है मेरे खून में भी तुम बस्ती हो
मेरे शारीर में जो दिल है
वह धरकता तो है मेरे लिए
पर तुझे पता है हर धरकन में तुम रही तो
जो नसे मेरे शारीर में मुझे खरा रखता
चलता है वह मेरा तो है
पर तुझे पता है मेरे हर नसों में तुम दौरती हो
तो मै तुम से भला दूर कहा हु..........

Saturday, September 25, 2010

खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया

खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया ना गया
हम ने चाहा तो बहुत, तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया

कैसे रिश्ते है, यह जो टूटे हुआ ख्वाबों का
कैसे रिश्ते है,यह जो टूटे हुआ ख्वाबों का
वो ही अपने है, जिन्हे अपना बनाया न गया
वो ही अपने है, जिन्हे अपना बनाया न गया

तुम ने छोड़ा था जहा हमको, वाही थे अभ थक
तुम ने छोड़ा था जहा हमको, वाही थे अभ थक
हम जहा मिलते, वहा तुमसे ही आया ना गया
हम जहा मिलते , वहा तुमसे ही आया ना गया

आप ही आप बरसने लगी आँखे कैसे
आप ही आप बरसने लगी आँखे कैसे
तुम को देखा तो , कोई राज़ छुपाया ना गया
हम ने चाहा तो बहुत, तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया.

Tuesday, September 21, 2010

आज सुबह कुछ आजीब है

आज सुबह कुछ आजीब है
हवा में खुशबु है
कोयल कुहुक रही है
हवा गुनगुना रही है
सूरज के रोशनी में आज एक अलग ही चमक
शाम ढल रही है
पूरा आकाश गुलाबी रंगों में रंग चूका है
चाँद आपनी चांदनी बिखेर रही है
क्यों की जन्मदिन जो आज तुम्हारा है
मानो जैसे वक्त ठहर सा गया
चाँद तारे हवा सभी मिल कर
जन्मदिन की सुभकामना दे रहा है
हवा गीत गा रही है
तुम जीयो हजारो साल
जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो.

Friday, September 17, 2010

आ भी जाओ अब

इस शहर को तुम्हारा तुम्हारा पाँव छूटे ही
तुम्हारा होने का एहसास होने लगता है
की तुम दौड़ कर चले आओं मेरे पास
फिर कभी नहीं जाने के लिए
तुम्हारे इंतजार में मै अब भी बैठा हु
कब शाम हुई कब रात
कुछ पता नहीं
फिर वही सुबह
आखो खुलती है तो तुम्हारी तस्वीर
नजर आती है
फिर मेरे हर पल में तुम बस जाती हो
न जाने कितने मैसम बीत गए
न जाने यह जीवन रहेगी या नहीं
आ भी जाओ अब
फिर कभी दूर नहीं जाने के लिए

तुम्हारी परछाई




मै चलता तो वह भी चल देता
मै रुकता तो वह भी रुक जाता
मै बैठता तो वह भी बैठ जाता
मै उठता तो वह भी उठ जाता
वह मेरा नक़ल कर रहा था और मै
उसके साथ खेल रहा था
मै लेट जाता तो वह भी लेट जाता
जब उसके साथ खेलते खेलते
थक गए
फिर उठ कर बैठ गए
और धीरे से उसके पास
जा कर पूछे की "कौन हो तुम
मेरे पीछे पीछे क्यों चल रहे
मेरा नक़ल क्यों कर रहे हो"
तभी "तुम्हारी" आवाज आई
मै हु तुम्हारा परछाई...........
हा सच में तुम ही तो थी
मेरी परछाई भी तो तुम ही हो
जो हमेशा मेरे साथ रहता है
मुझसे कभी दूर नहीं जाता
मुझे सहारा देता है
मुझे जीवन जीने का रास्ता दिखता है
मुझे हारने नहीं देता
हर पल मेरे साथ रहता है
मुझसे कभी दूर नहीं जाता......

Wednesday, September 15, 2010

ज़िंदगी

ज़िंदगी में कुछ एसे पल आ जाते है जहा इन्सान कुछ सोचने पर विवश हो जाता है ,फिर कुछ सवाल जन्म लेता
और उसी सवाल के जबाब में कुछ कबिता बन जाता है । ये नज्म मेरे जिंदिगी का सब से महत्पूर्ण नज्म है जो फिर से मै आप लोगो के सामने ला रहा हु कुछ त्रुटी हो तो कमेंट्स जरुर करगे ।

जीवन एक पहेली है
कोई इसे हल कर दिया तो मुझे बताना
जीवन एक सागर है
कोई इसकी गहराई जान सको तो मुझे बताना
जीवन एक खुसबू है
इसकी महक अगर कोई पहचान सको तो मुझे बताना
जीवन एक दर्द है
इसकी मरहम अगर तुम्हारे पास है तो मुझे बताना
जीवन सूरज की वह तपिश है
अगर कही छाव नजर आये तो मुझे बताना
जीवन एक पूर्णिमा की ठंडी चांदनी है
क्यों की मेरे जीवन में तुम हो
जिसकी चांदनी से मेरा जीवन
एक सफल जीवन बन गया
और जिसके जीवन में तुम रहोगी
उसे भला अपने जीवन से कोई
शिकायत थोरी भी नहीं होगी...........
जीवन का हर रहस्य
तुम पर आ कर ख़त्म हो जाता है
क्यों की
मेरे जीवन में तुम तो
मेरे जीवन का हर रहस्य तुम हो........
मेरा हर ख़ुशी तुम हो
मेरी जिंदिगी तुम तो तुम हो



Saturday, September 11, 2010

अजनबी कोई शख्स एक आदर्श हो जाता है

किसी ना किसी पे किसी को एतबार हो जाता है
अजनबी कोई शख्स एक आदर्श हो जाता है
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा
प्यार तो प्यार है एक पत्थर भी देवता हो जाता है

किन लफ़्ज़ों में आप की बाते लिखूं ,
मैं सच लिकूँ के अपने हालात लिखूं ,
कैसे लिखूं मैं चांदनी रातें
जब गरम हो रेट तो कैसे मैं बरसात लिखूं

सभी नगमे साज़ में गाये नहीं जाते
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते
कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रह कर भी भूलाये नहीं जाते

वह इक दोस्त जो प्यारा सा लगता हैं
बहुत पास है दील के फिर भी जुदा सा लगता हैं
बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका
शायद किसी बात पे खफा सा लगता हैं

ज़िंदगी तो एक ख्वाब है
वह ज़िन्दगी किया जिसमे ख्वाब नहीं होते
हाथ के लकीरों को किस्मत ने समझाया
किस्मत उनके भी होते है , जिनके हाथ नहीं होते .

बोलो ना वादा करती हो


तुम नहीं जानती की तुम मेरे लिए क्या हो
तुम्हारा हर अंदाज मुझे बिल्कुल अलग सा दिखता है
लगता है तुम किसी देवलोक से आई हो
अप्सरा बन कर किसी के आँगन में बस्ती हो
तुमको कोई पहचान नहीं सकता
क्यों की
पहचानने के लिए मेरी नज़र चाहिए
और मेरी नज़र तो सिर्फ तुम्हारे लिए है
और तुम्हारे लिए ही रहेगी
तुम मेरा आदर्श हो मेरा स्वाविमन हो
ज़िन्दगी तो कम है मेरे पास
तुम्हारे साथ लम्बी ज़िन्दगी हम नहीं जी सकते
लेकिन ये वादा रहा हम जहा भी रहेगे तुम्हारा ख्याल रखेगे
और अगले जनम हम हमेसा के लिए मिलेगे
फिर कभी नहीं जुदा होगे
बोलो ना वादा करती हो
वादा करती हो ..........

Thursday, September 2, 2010

जीवन एक पहेली है


जीवन एक पहेली है
कोई इसे हल कर दिया तो मुझे बताना
जीवन एक सागर है
कोई इसकी गहराई जान सको तो मुझे बताना
जीवन एक खुसबू है
इसकी महक अगर कोई पहचान सको तो मुझे बताना
जीवन एक दर्द है
इसकी मरहम अगर तुम्हारे पास है तो मुझे बताना
जीवन सूरज की वह तपिश है
अगर कही छाव नजर आये तो मुझे बताना
जीवन एक पूर्णिमा की ठंडी चांदनी है
क्यों की मेरे जीवन में तुम हो
जिसकी चांदनी से मेरा जीवन
एक सफल जीवन बन गया
और जिसके जीवन में तुम रहोगी
उसे भला अपने जीवन से कोई
शिकायत थोरी भी नहीं होगी...........
जीवन का हर रहस्य
तुम पर आ कर ख़त्म हो जाता है
क्यों की
मेरे जीवन में तुम तो
मेरे जीवन का हर रहस्य तुम हो........
मेरा हर ख़ुशी तुम हो
मेरी जिंदिगी तुम तो तुम हो


कुछ पल यादे बन जाती है



कुछ पल यादे बन जाती है जिसे भुलाया नहीं जाता
वह रूह में हमेशा के लिए बस जाता है
कुछ
बाते कहने के लिए नहीं होता
उसे सिर्फ एहसास किया जाता है
कुछ
येसा ही पल मेरे जिंदगी में आया
जिसे
मै हमेशा के लिए अपने अंदर समां चूका हु
मेरे अन्दर अगर तुम एक बार देख पाती
तुम
ही तुम नज़र आती तुम ही तुम नज़र आती.