एक भावना,एक माध्यम है
कुछ पाने और कुछ खोने का
कभी ना कर सकी इस भावना का इज़हार
और ना ही कभी किया है इंतज़ार
एसे ही उमड़ पड़ता है
जब कोई चीज़ बहुत हो ज़्यादा,या बहुत कम
दबे पाव आए , आहट भी ना होये
बस एक हलचल महसूस करता है
गम और खुशियों से मिलन करता है
जुड़ ज़्याता है मन से, ज़िंदगी में ,ये अहसास
मेरी ही भावना मुझे थमाता है
और अनकहे ही चला ज़्याता है, ये अहसास
Tuesday, December 28, 2010
Wednesday, December 8, 2010
.................एक नजर.................
Posted by
MY HEART
at
5:52 AM
उस भीड़ में एक नजर ढूंड रही थी
पर वह नजर तो वक्त के तूफान में कही खो गया
सभी तुझे देखते होंगे
तुम कितनी खुबसूरत लगती होगी
खुबसूरत भी तुझे देख कर शर्मा जाये
चाँद भी शर्मा के बदल में चुप गया होगा
सभी तुझे देख रहे होंगे
सिर्फ एक नजर नहीं देख रहा था
जिस नजर में तुम एक असाधारण मानव हो,
जिस नजर में तुम देवी हो
हर शब्द तुम्हारे आगे छोटा हो जाता है
किस लफ्जो से मै तुम्हारी वर्णन करू
बस तुम मेरे लिए हो सिर्फ मेरे लिए
Sunday, December 5, 2010
जितना आसान था सवाल मे
Posted by
MY HEART
at
10:55 PM
जितना आसान था सवाल मेरा,
उससे भी आसान उनका जवाब आया,
जिंदगी क्या है??
चाय की प्याली हाथ में लेकर
मासूमियत से उनने चुस्की ली और फरमाए-----
चाय जिंदगी है।
अटपटा लगा उनका जवाब
पूछ बैठा, कैसे भला
जिंदगी कड़वाहट है, चाय पत्ती की तरह
जिंदगी मीठी है शक्कर जैसी
जिंदगी हौले से जिओगे तो जी जाओगे
जल्दी-जल्दी में जल जाओगे
कहकर दुबारा लेने लगे चाय की चुस्की
एक दम आसान-सी जिंदगी की तरह
मुझे कर दिया था अपनी बातों से कायल उनने
लगने लगी थी मुझे भी
चाय की इच्छा..
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