Sunday, November 20, 2011

सभी अपने जीवन में खुश रहे यही दुआएं करती हू

सभी अपने जीवन में खुश रहे यही दुआएं करती हू,
सबो से  इनती दूर आ चुकी
याद आती है माँ का वह आँचल
वह आंगन,भाई बहन का वह प्यार....
दिल की सभी भावना को छुपा कर जीती हू
सभी खुश रहे यही दुआएं करती हू.

Wednesday, November 2, 2011

“कुछ तो लोग कहेंगे”

तुम कुछ भूली नहीं हो
मै सोचता की तुम सब कुछ भुला दी
तुम्हारी वह अदरख की चाय
आज भी मुझे याद है
जिसमे तुम्हरा प्यार था
वह आज फिर से जिंदा हो गया
जब मै आज “कुछ तो लोग कहेंगे”
देखने का आदेश हुआ....
मै आज भी किसी और का बनाया अदरख की चाय नहीं पीता खुद बनाता हू जिसमे तुम्हारा एहसास होता है.