Wednesday, February 17, 2021

आज भी तुम्हे Online देखने के लिए Mobile देखती हूँ.

 मैं चाहती हूँ....

कई महीनो बाद,

तुम एक रोज़ मुझे Call करो,

और वो Call, Receive ही न की जाये...

फिर तुम एक और कोशिश करो,

Call करने की,

और फिर Receive न हो...

फिर एक अरसे बाद,

तुम्हे थोड़ी फ़िक्र हो,

तुम Message करो मुझे...

वो Messages 

जिसका कोई भी जवाब 

अब कभी नहीं आएगा...

फिर तुम सच में 

थोडे़ और परेशान हो जाओ...

तुम सोचो मेरे बारे में,

मेरी हर बात,

मेरी आवाज़,मेरा चेहरा...

तुम्हारे लिए मेरी फ़िक्र..

मेरे साथ बिताया हर एक लम्हा..

फिर तुम मुझे एक और Call करो,

और फिर कोई Response न मिले

तुम फिर मुझे Message करो

जिसका कोई जवाब न मिले..

तुम अचानक बहुत बेचैन हो जाओ

तुम्हें सब कुछ याद आता रहे

तुम लगातार मेरे बारे में सोचो...

तुम्हे सब कुछ याद आये..

सब कुछ...

और एक दिन जब तुम्हें नींद न आये.. 

बस मेरी याद आये...

तुम मुझे Social Media पर ढूँढो..

फिर Message करो..

फिर Call करो..

फिर कोई जवाब न मिले..

तब तुम Phone Gallery खोलकर..

मेरी तस्वीरें देखो...

तुम्हे गुस्सा आये

चिढ़ हो तुम्हे रोना आये..

तुम्हें एहसास हो 

कि मैं किस हाल में रही हूँ..?

परेशान होना क्या होता है..?

टूट जाना क्या होता है...?

फिर कुछ अच्छा ही नहीं लगेगा..

तब तुम हर जगह मुझे ही ढूँढो,

बस एक आखिरी बार

मुझे देखना चाहो

मुझे सुनना चाहो

मेरे सीने से लगना चाहो

मुझसे लिपटकर रोना चाहो..

तुम पागल हो जाओ 

उस प्यार के लिए

जो सिर्फ और सिर्फ 

मुझसे मिल सकता था..

और उस हाल में

तुम्हे सुनने वाली

तुम्हारे माथे को चूमने वाली

तुम्हे सीने से लगाने वाली

"मैं"...

कहीं दूर

किसी शहर में

अपने कमरे में

आधी रात को,,

वो हर एक Message पढ़कर

तुम्हे याद करूँ...

फिर वो Message

Delete कर दूँ

उसका कभी कोई जवाब नहीं आएगा..

तुम महसूस करो

दिल का टूटना

अकेलेपन में रोना..

किसी से कुछ न

कह पाने की बेबसी..

सारे काम ज़बरदस्ती

लगने लगे,

बस हर वक़्त किसी

नशे की ज़रूरत लगे,

नींद की गोलियां भी 

किसी काम की न रह जाएं..

हर वक़्त..

सोते जागते,मुझे याद करो

बस मैं ही हर वक़्त 

तुम्हारे दिमाग में रहूँ...

उस वक़्त

जब ये सब हो

शायद तुम्हे समझ आये

कि तुम कितने गलत थे

तुमने क्या किया..?

और तुम्हे क्या मिला था..?

और तुमने क्या खो दिया...?

तब तुम्हें समझ आएगा...

मैं किस हाल में थी

मैं ये सब चाहतीं हुं 

हाँ..सच में

पर ये सच है...

आज भी तुम्हारी 

हर Call और Message को 

बड़ी मुश्किल से

Ignore कर पाति हूँ..

आज भी तुम्हे 

              

Online देखने के लिए 

Mobile देखती हूँ.. 

पर कभी कोई

Message नहीं करती हूँ... 

न ही करूँगी

क्योंकि मैं चाहती हूँ.. 

तुम एक बार

महसूस कर सको..

वो सब 

जो मैं करती हूँ...

Saturday, February 11, 2017

अब जो जाएगे फिर लौट के कभी ना आएगे



कुछ पल अब सिर्फ तेरे लिए जीना चाहता हु
जहां सिर्फ तुम हो सिर्फ तुम
अभी तो कुछ दिनों पहले
बहुत पास से तुमको देखा था
बस एक पल में बहुत दूर हो गई तुम
अब जो जाएगे फिर लौट के कभी ना आएगे
पर अब तक नहीं समझ सके तुम.....


Thursday, June 18, 2015

एक आखरी ख़त तेरे नाम


एक आखरी ख़त तेरे नाम 
जिसमें मुहब्बत तो होगी 
पर जज्बातों नहीं 
जिसमे चाहत तो होगी
पर अफसाने नहीं 
जिसमें प्यार भरी मोती तो होगी 
लेकीन कोई कशिस नहीं....
हां आज एक आखरी ख़त लिखने जा रहा हु...
जिसमे मिलन की कोई बात नहीं 
जिसमे देखने की कोई चाहत नहीं..
तुम तक जाने का हर वह रास्ता बंद कर 
मै भी इस आखरी ख़त को अब बंद कर भेज दूंगा तुम्हारे पास
तुम रोना नहीं क्यों की वह आंसू अब मुझे दिखेगी नहीं...

Monday, October 27, 2014

काश कुछ दिनों के लिए

काश कुछ दिनों के लिए, दुनियाँ को छोड़ जाना मुमकिन होता,
सुना है लोग बहुत याद करते हैं, दुनियाँ से चले जाने के बाद..........

Thursday, August 7, 2014

हर लम्हा तेरे लिए जिए


हर लम्हा तेरे लिए जिए
पर तेरा दीदार होता नहीं
दिन तो ये भी गुज़र जाएगा पर ये लम्हा गुज़रता नहीं
आग ही आग है फिर क्यूँ सूरज पिघलता नहीं
दाग धोने से जाते नहीं दर्द रोने से घटता नहीं
की जी लु कुछ लम्हा तेरे साथ 
क्यों वह वक्त आता नहीं...

Monday, June 16, 2014

मेरी साँसों को जो महका रही हैं


मेरी साँसों को जो महका रही हैं
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी सासों से शायद आ रही हैं
शुरू ये सिलसिला तो उसी दिन से हुआ था
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँ ही छुआ था
लहर जागी जो उस पल तनबदन में
वो मन को आज भी बहका रही हैं
बहोत तरसा हैं ये दिल तेरे सपने सज़ा के
ये दिल की बात सुन ले, मेरी बाहों में आके
जगाकर अनोखी प्यास मन में
ये मीठी आग जो दहका रही हैं
ये आँखे बोलती हैं, जो हम ना बोल पाये
दबी वो प्यास मन की, नज़र में झिलमिलाये
होठों पे तेरे हल्की सी हसी हैं

मेरी धड़कन बहकती जा रही हैं

 

क्या तुझे पता है
ये मेंहदी लगाना
ये घुमना ये फिरना
ये सजना सबरना
ये खुशिया मानना
ये यू मुस्कुराना
ये इठलाना और झुमना
सब बेकार है जब मै ना देखू
तुझे देख तेरा तारीफ़ ना करू सब बेकार है.....
हा सब बेकार है
इसे मेरी मुहब्बत समझो या मेरी दिवानगी

हा सच सब बेकार है......