Thursday, October 8, 2009

जब एक प्रेम का धागा जुड़ता है,
दिल का कमल तब ही खिलता है
देखता है खुदा भी आसमान से जमीन पर
जब एक दिल दूसरे से बेपनाहा मोहब्बत करता है
सुलगने लगता है तब धरती का सीना भी
जब कोई आसमान बन के बाहो में पिघलता है
लिखी जाती है तब एक दस्तान- -मोहब्बत
तब कही जा कर अमर-प्रेम लोगो के दिलों में उतरता है!!

प्रेम जीवन का आधार है, इसके बिना इंसान मशीन बन जायेगा। प्रेम ही जीवीत और अजीवीत मे फर्क करता है.

0 comments:

Post a Comment