Saturday, October 24, 2009

दोस्ती

गुलाब की महक है दोस्ती,

सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,

दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,

काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,

जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती ,

रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती, रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,

तन्हाई में सहारा है दोस्ती, मझधार में किनारा है दोस्ती, जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,

किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती, हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,

हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती, कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर "खुदा" है
दोस्ती ,

2 comments:

आमीन said...

दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती

बहुत शानदार

http://dunalee.blogspot.com/

अजय कुमार झा said...

बहुत सुंदर लिखा है आपने..लिखते रहें

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