Monday, June 16, 2014

मेरी साँसों को जो महका रही हैं


मेरी साँसों को जो महका रही हैं
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी सासों से शायद आ रही हैं
शुरू ये सिलसिला तो उसी दिन से हुआ था
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँ ही छुआ था
लहर जागी जो उस पल तनबदन में
वो मन को आज भी बहका रही हैं
बहोत तरसा हैं ये दिल तेरे सपने सज़ा के
ये दिल की बात सुन ले, मेरी बाहों में आके
जगाकर अनोखी प्यास मन में
ये मीठी आग जो दहका रही हैं
ये आँखे बोलती हैं, जो हम ना बोल पाये
दबी वो प्यास मन की, नज़र में झिलमिलाये
होठों पे तेरे हल्की सी हसी हैं

मेरी धड़कन बहकती जा रही हैं

0 comments:

Post a Comment