Monday, April 12, 2010

एक शाम जा चुकी हे जिंदगी की

एक शाम जा चुकी हे जिंदगी की ,

एक और दिन अ रहा हे जिंदगी का,

ये मत सोचो के कितने लम्हे हे जिंदगी में,

ये सोचो के कितनी जिंदगी हे हर लम्हे में........!!!!!

2 comments:

Dev said...

nice message

संजय भास्‍कर said...

इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....

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