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Monday, April 12, 2010
एक शाम जा चुकी हे जिंदगी की
Posted by
MY HEART
at
1:22 AM
एक शाम जा चुकी हे जिंदगी की ,
एक और दिन अ रहा हे जिंदगी का,
ये मत सोचो के कितने लम्हे हे जिंदगी में,
ये सोचो के कितनी जिंदगी हे हर लम्हे में........!!!!!
2 comments:
Dev
said...
nice message
April 12, 2010 at 3:09 AM
संजय भास्कर
said...
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
April 22, 2010 at 11:21 PM
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एहसास
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sarkar
1
2 comments:
nice message
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
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