तुम यादे बहुत आती है
अंदर से कुछ खली पन सा मह्सुश करता हु,
तुम्हारे बारे में हर पल कर वक्त सोचता रहता हु
ना जाने तुम कैसे होगी कहा होगी ,
तुमको पता है
मै आज कल ख्वाबो में अक्सर तुमको देखता हु
तुमसे बाते करता हु ,
कभी कभी तो आखो से आसू भी आ जाती है .
तो कभी अकेला चुप चाप बैठा रहता हु।
तुम्हारे यादो में गाना सुनता रहता हु।
तुमको याद कर के खुद को बहलाता रहता हु।
कुछ भी अच्छा नहीं लगता
मन करता है खुद को कही बंद कर के रोये पर रो नहीं पता
हँसना चाहता पर हँस नहीं पता बस तुम्हारा इंतजार है
शायद ही कोई एसा पल हो जिस पल में तुम न हो.
Sunday, May 9, 2010
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1 comments:
बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है
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