Wednesday, September 15, 2010

ज़िंदगी

ज़िंदगी में कुछ एसे पल आ जाते है जहा इन्सान कुछ सोचने पर विवश हो जाता है ,फिर कुछ सवाल जन्म लेता
और उसी सवाल के जबाब में कुछ कबिता बन जाता है । ये नज्म मेरे जिंदिगी का सब से महत्पूर्ण नज्म है जो फिर से मै आप लोगो के सामने ला रहा हु कुछ त्रुटी हो तो कमेंट्स जरुर करगे ।

जीवन एक पहेली है
कोई इसे हल कर दिया तो मुझे बताना
जीवन एक सागर है
कोई इसकी गहराई जान सको तो मुझे बताना
जीवन एक खुसबू है
इसकी महक अगर कोई पहचान सको तो मुझे बताना
जीवन एक दर्द है
इसकी मरहम अगर तुम्हारे पास है तो मुझे बताना
जीवन सूरज की वह तपिश है
अगर कही छाव नजर आये तो मुझे बताना
जीवन एक पूर्णिमा की ठंडी चांदनी है
क्यों की मेरे जीवन में तुम हो
जिसकी चांदनी से मेरा जीवन
एक सफल जीवन बन गया
और जिसके जीवन में तुम रहोगी
उसे भला अपने जीवन से कोई
शिकायत थोरी भी नहीं होगी...........
जीवन का हर रहस्य
तुम पर आ कर ख़त्म हो जाता है
क्यों की
मेरे जीवन में तुम तो
मेरे जीवन का हर रहस्य तुम हो........
मेरा हर ख़ुशी तुम हो
मेरी जिंदिगी तुम तो तुम हो



1 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया नज़्म!

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