Saturday, September 25, 2010

खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया

खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया ना गया
हम ने चाहा तो बहुत, तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया

कैसे रिश्ते है, यह जो टूटे हुआ ख्वाबों का
कैसे रिश्ते है,यह जो टूटे हुआ ख्वाबों का
वो ही अपने है, जिन्हे अपना बनाया न गया
वो ही अपने है, जिन्हे अपना बनाया न गया

तुम ने छोड़ा था जहा हमको, वाही थे अभ थक
तुम ने छोड़ा था जहा हमको, वाही थे अभ थक
हम जहा मिलते, वहा तुमसे ही आया ना गया
हम जहा मिलते , वहा तुमसे ही आया ना गया

आप ही आप बरसने लगी आँखे कैसे
आप ही आप बरसने लगी आँखे कैसे
तुम को देखा तो , कोई राज़ छुपाया ना गया
हम ने चाहा तो बहुत, तुमको भुलाया ना गया
खुद से जो वादा किया था, वो निभाया न गया.

1 comments:

hemantsarkar said...

किया बात है आप का नज्म हो इतना खुबसूरत है की शब्द है है ...........

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