Tuesday, September 28, 2010

तुझे पता है



बिना हवा के शायद कुछ पल जी लू
पर तुझे पता है तेरे बिना एक पल नहीं जे सकता
मेरे शरीर में खून तो है मुझे जिंदा रखने के लिए
पर तुझे पता है मेरे खून में भी तुम बस्ती हो
मेरे शारीर में जो दिल है
वह धरकता तो है मेरे लिए
पर तुझे पता है हर धरकन में तुम रही तो
जो नसे मेरे शारीर में मुझे खरा रखता
चलता है वह मेरा तो है
पर तुझे पता है मेरे हर नसों में तुम दौरती हो
तो मै तुम से भला दूर कहा हु..........

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