दूर होने से एहसास ख़त्म नहीं होता
वह तो जिंदा रहता है सांसे बन कर
मुझसे जीतना दूर जाओगे उतना ही करीब
मै रहूगा
जो दर्द मेरे अंदर हो रहा है
उसे तुम नहीं जान सकती
तुम खुद से मुझे दूर कर सकती हो
पर मुझे आपने आप से नहीं
क्यों की मुझ में तुम हो
और मेरा अंत होने पर ही
मुझ से तुम अलग हो सकती हो
फिर भी उस जहा से मै तुम्हारा साथ दूंगा
तुझे देखूगा,तुम्हारा ख्याल रहूगा
मै तुम्हारा हु और तुम्हारा ही रहूगा ....
उसे तुम नहीं जान सकती
तुम खुद से मुझे दूर कर सकती हो
पर मुझे आपने आप से नहीं
क्यों की मुझ में तुम हो
और मेरा अंत होने पर ही
मुझ से तुम अलग हो सकती हो
फिर भी उस जहा से मै तुम्हारा साथ दूंगा
तुझे देखूगा,तुम्हारा ख्याल रहूगा
मै तुम्हारा हु और तुम्हारा ही रहूगा ....
3 comments:
सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं.
आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
gahre ehasas...badiya...
बढ़िया पोस्ट , आभार .
कृपया सुझाव दें - -
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