Saturday, April 23, 2011

.................रिश्ते....................




कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिनका कोई नाम नहीं होता
लेकिन वो नाम वाले रिश्ते से भी ज्यादा मजबूत होता है
एक साधारण सी दिखने वाली
किसी के आखों का नूर बन जाता है
तुम्हे एहसास हो या न हो
पर तुम मेरे जीवन का हिस्सा बन गई हो  
एक नजर तुम्हारे दीदार को तरसता हू
मै जनता हू की तुम चाह के भी मुझे भूला नहीं पाएगी
और मै चाह के भी तुम को
आपने जिंदगी से अलग नहीं कर पाएगे
कोई आपने शरीर से आत्मा को अलग कर पाया
हा तुम मेरे आत्मा हो आत्मा.....  
जो एहसास बन कर मेरे पास रहता है
और यही एहसास मेरे जीवन का सहारा है. 

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