~~~~~~~~~`मै खुद को पत्थर नहीं बना सकता ~~~~~~~~~
मै खुद को पत्थर नहीं बना सकता
एक रिश्ता जो दिल का है उसे कभी नहीं तोड़ सकता
वक्त के इस तूफान में कई चेहरे बदल गए
मगर ये रिश्ता जो दिल का है वह बदल न सका
बहुत मुश्किल से एक रिश्ता बनता है
पर आज उस रिश्ते की अहमीयत कोई समझ ना सका
हा मै पत्थर नहीं बन सका
वह जैसी है मेरी है जो श्रधा, जो इज्जत मेरे दिल में है
उसे मै बदल न सका,एक दर्द जो मेरे दिल में है
उसे मे बता ना सका
हा मै पत्थर नहीं बन सका..
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