अक्सर तेरे स्पर्श के बाद
में जाग नही पाता
और सच पूछो
तो सो भी नही पाता
सोया होता हूँ
तो चेतन रहता हूँ
चेतन में सम्मोहित रहता हूँ
साँसों के साथ तेरी खुश्बू
मेरे जिस्म में समा जाती है
जब कभी मैं स्वयं से
स्वयं का परिचय पूछता हूँ
तू चुपके से मेरे सामने आ जाती है...
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