Friday, May 9, 2014

एक ख्वाब


कल रात ना जाने क्यों एक डरावना ख्वाब आया 
किसी का चेहरा चाँद में नजर आया…
डरा सहमा किसी अनजान पगडंडी पे 
अकेला चला जा रहा था 
ना किसी का साथ,ना किसी का हाथ 
पीछे छुटी वह यादे 
मुझे चीख चीख के पुकारती….
पर मै एक कठोर बन 
डरा सहमा अनजान पगडंडी पे 
अकेला चला जा रहा था……..

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