किसी ना किसी पे किसी को एतबार हो जाता है
अजनबी कोई शख्स एक आदर्श हो जाता है
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा
प्यार तो प्यार है एक पत्थर भी देवता हो जाता है
किन लफ़्ज़ों में आप की बाते लिखूं ,
मैं सच लिकूँ के अपने हालात लिखूं ,
कैसे लिखूं मैं चांदनी रातें
जब गरम हो रेट तो कैसे मैं बरसात लिखूं
सभी नगमे साज़ में गाये नहीं जाते
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते
कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते
कुछ दूर रह कर भी भूलाये नहीं जाते
वह इक दोस्त जो प्यारा सा लगता हैं
बहुत पास है दील के फिर भी जुदा सा लगता हैं
बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका
शायद किसी बात पे खफा सा लगता हैं
ज़िंदगी तो एक ख्वाब है
वह ज़िन्दगी किया जिसमे ख्वाब नहीं होते
हाथ के लकीरों को किस्मत ने समझाया
किस्मत उनके भी होते है , जिनके हाथ नहीं होते .
Saturday, September 11, 2010
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5 comments:
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति के प्रति मेरे भावों का समन्वय
कल (13/9/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
"खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा
प्यार तो प्यार है एक पत्थर भी देवता हो जाता है"
beautiful poetry !
बहुत सुंदर.....!!
यूँ लगा अलग अलग शेरों को जोड़ कर नज़्म बनाई गयी है ....
हाँ पुष्पों का बेहद सुंदर संग्रह है ......!!
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