Sunday, December 5, 2010

जितना आसान था सवाल मे

जितना आसान था सवाल मेरा
उससे भी आसान उनका जवाब आया
जिंदगी क्या है??
चाय की प्याली हाथ में लेकर
मासूमियत से उनने चुस्की ली और फरमाए-----
चाय जिंदगी है।
अटपटा लगा उनका जवाब
पूछ बैठा, कैसे भला
जिंदगी कड़वाहट है, चाय पत्ती की तरह
जिंदगी मीठी है शक्कर जैसी
जिंदगी हौले से जिओगे तो जी जाओगे
जल्दी-जल्दी में जल जाओगे
कहकर दुबारा लेने लगे चाय की चुस्की
एक दम आसान-सी जिंदगी की तरह
मुझे कर दिया था अपनी बातों से कायल उनने
लगने लगी थी मुझे भी
चाय की इच्छा..

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