Wednesday, December 8, 2010

.................एक नजर.................


उस भीड़ में एक नजर ढूंड रही थी 
पर वह नजर तो वक्त के तूफान में कही खो गया 
सभी तुझे देखते होंगे 
तुम कितनी खुबसूरत लगती होगी 
खुबसूरत भी तुझे देख कर शर्मा  जाये 
चाँद भी शर्मा  के  बदल में चुप गया होगा
सभी तुझे देख रहे होंगे 
सिर्फ एक नजर नहीं देख रहा था 
जिस नजर में तुम एक असाधारण मानव हो,
जिस नजर में तुम देवी हो 
हर शब्द तुम्हारे आगे छोटा हो जाता है 
किस लफ्जो से मै  तुम्हारी वर्णन करू 
बस तुम मेरे लिए  हो सिर्फ मेरे लिए 

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