आज का यह दिन
इतिहास बन गया
प्रकृति भी
मानो गवाह बन गई
इंद्र देव भी स्वागत
में बारिश की बूंदें,
हम दोनों को नहला रही हो
सूरज देव भी अपनी
गर्माहट भरी किरणे बिखेर रही हो
हवा भी जैसे कोई संगीत गुनगुना रही हो .
हम दोनों एक दूसरे में खोये कही जा रहे हो
वक्त जैसे थम सा गया हो
हर रास्ता गवाह बन रहा था
हम दोने के इस मिलन का
स्वागत कर रहा था
हर पल हर वह लम्हा
वक्त में कैद हो रहा था
और हम कही दूर जा रहे थे...............
Friday, October 29, 2010
Wednesday, October 20, 2010
प्यार की परिभाषा किया है
Posted by
MY HEART
at
11:41 AM
प्यार की परिभाषा क्या है
हम इतने कमजोर क्यों हो जाते है
प्यार तो समर्पण है
जहा जीवन और म्रत्यु कोई महत्व नहीं रखता
यह तो इश्वर का दिया वह रूप है जहा
हम विलीन हो जाते है
यह त्याग है,यह तपस्या है,
जो आपने चाहने वाले पर अर्पित कर देता है
प्यार कई रूप में मेरे सामने आता है
हर रूप में तुम ही तुम नजर आती हो
भगवन में भी तुम नजर आती हो
क्यों की भगवन में हमारी श्रधा है
और जहा श्रधा होता है प्यार वही बस्ता है
तुम्हारी ख़ुशी के लिए अगर आपना जीवन भी
त्याग दू तो यह भी कम होगा......
हम इतने कमजोर क्यों हो जाते है
प्यार तो समर्पण है
जहा जीवन और म्रत्यु कोई महत्व नहीं रखता
यह तो इश्वर का दिया वह रूप है जहा
हम विलीन हो जाते है
यह त्याग है,यह तपस्या है,
जो आपने चाहने वाले पर अर्पित कर देता है
प्यार कई रूप में मेरे सामने आता है
हर रूप में तुम ही तुम नजर आती हो
भगवन में भी तुम नजर आती हो
क्यों की भगवन में हमारी श्रधा है
और जहा श्रधा होता है प्यार वही बस्ता है
तुम्हारी ख़ुशी के लिए अगर आपना जीवन भी
त्याग दू तो यह भी कम होगा......
Monday, October 18, 2010
मुझसे तुम जीतना दूर जावोगी
Posted by
MY HEART
at
11:28 AM
मुझसे तुम जीतना दूर जावोगी
मुझे उतना करीब पावोगी
जब मै तुझे एक पल भी भुला नहीं सका
तो तुम मुझे क्या भुला पावोगी
मेरे हर एहसास में तुम हो
तुम को यादे मै नहीं क्या करता
मेरे हर यादे में तुम हो
मेरे हर सासों में तुम हो
तुम नहीं जानती तुम मेरे लिए क्या हो ???????????
मुझे उतना करीब पावोगी
जब मै तुझे एक पल भी भुला नहीं सका
तो तुम मुझे क्या भुला पावोगी
मेरे हर एहसास में तुम हो
तुम को यादे मै नहीं क्या करता
मेरे हर यादे में तुम हो
मेरे हर सासों में तुम हो
तुम नहीं जानती तुम मेरे लिए क्या हो ???????????
Saturday, October 9, 2010
दूर होने से एहसास ख़त्म नहीं होता
Posted by
MY HEART
at
9:37 AM
दूर होने से एहसास ख़त्म नहीं होता
वह तो जिंदा रहता है सांसे बन कर
मुझसे जीतना दूर जाओगे उतना ही करीब
मै रहूगा
जो दर्द मेरे अंदर हो रहा है
उसे तुम नहीं जान सकती
तुम खुद से मुझे दूर कर सकती हो
पर मुझे आपने आप से नहीं
क्यों की मुझ में तुम हो
और मेरा अंत होने पर ही
मुझ से तुम अलग हो सकती हो
फिर भी उस जहा से मै तुम्हारा साथ दूंगा
तुझे देखूगा,तुम्हारा ख्याल रहूगा
मै तुम्हारा हु और तुम्हारा ही रहूगा ....
उसे तुम नहीं जान सकती
तुम खुद से मुझे दूर कर सकती हो
पर मुझे आपने आप से नहीं
क्यों की मुझ में तुम हो
और मेरा अंत होने पर ही
मुझ से तुम अलग हो सकती हो
फिर भी उस जहा से मै तुम्हारा साथ दूंगा
तुझे देखूगा,तुम्हारा ख्याल रहूगा
मै तुम्हारा हु और तुम्हारा ही रहूगा ....
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