Friday, October 29, 2010

आज का यह दिन इतिहास बन गया

आज का यह दिन
इतिहास बन गया
प्रकृति भी
मानो गवाह बन गई
इंद्र देव भी स्वागत
में बारिश की बूंदें,
हम दोनों को नहला रही हो
सूरज देव भी अपनी
गर्माहट भरी किरणे बिखेर रही हो
हवा भी जैसे कोई संगीत गुनगुना रही हो .
हम दोनों एक दूसरे में खोये कही जा रहे हो
वक्त जैसे थम सा गया हो
हर रास्ता गवाह बन रहा था
हम दोने के इस मिलन का
स्वागत कर रहा था
हर पल
हर वह लम्हा
वक्त में कैद हो रहा था
और हम कही दूर जा रहे थे...............

Wednesday, October 20, 2010

प्यार की परिभाषा किया है

प्यार की परिभाषा क्या है
हम इतने कमजोर क्यों हो जाते है
प्यार तो समर्पण है
जहा जीवन और म्रत्यु कोई महत्व नहीं रखता
यह तो इश्वर का दिया वह रूप है जहा
हम विलीन हो जाते है
यह त्याग है,यह तपस्या है,
जो आपने चाहने वाले पर अर्पित कर देता है
प्यार कई रूप में मेरे सामने आता है
हर रूप में तुम ही तुम नजर आती हो
भगवन में भी तुम नजर आती हो
क्यों की भगवन में हमारी श्रधा है
और जहा श्रधा होता है प्यार वही बस्ता है
तुम्हारी ख़ुशी के लिए अगर आपना जीवन भी
त्याग  दू तो यह भी कम होगा......

Monday, October 18, 2010

मुझसे तुम जीतना दूर जावोगी

मुझसे तुम जीतना दूर जावोगी
मुझे उतना करीब पावोगी
जब मै तुझे एक पल भी भुला नहीं सका
तो तुम मुझे क्या भुला पावोगी
मेरे हर एहसास में तुम हो
तुम को यादे मै नहीं क्या करता
मेरे हर यादे में तुम हो
मेरे हर सासों में तुम हो
तुम नहीं जानती तुम मेरे लिए क्या हो ???????????

Saturday, October 9, 2010

दूर होने से एहसास ख़त्म नहीं होता

दूर होने से एहसास ख़त्म नहीं होता
वह तो जिंदा रहता है सांसे बन कर
मुझसे जीतना दूर जाओगे उतना ही करीब
मै रहूगा 
जो दर्द मेरे अंदर हो रहा है
उसे तुम नहीं जान सकती
तुम खुद से मुझे दूर कर सकती हो
पर मुझे आपने आप से नहीं
क्यों की मुझ में तुम हो
और मेरा अंत होने पर ही
मुझ से तुम अलग हो सकती हो
फिर भी उस जहा से मै तुम्हारा साथ दूंगा
तुझे देखूगा,तुम्हारा ख्याल रहूगा
मै तुम्हारा हु और तुम्हारा ही रहूगा ....